नैंना मिलाई के – अमीर खुसरो

अपनी छवि बनाई के जो मैं पी के पास गई, जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई। छाप तिलक सब छीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाई के, बात अघम कह दीन्हीं रे मोसे नैंना मिला के। बल बल जाऊँ मैं तोरे रंग रिजना अपनी सी रंग दीन्हीं रे मोसे नैंना मिला के। प्रेम वटी … Read more

चल खुसरो घर आपने – अमीर खुसरो

खुसरो रैन सुहाग की, जागी पी के संग। तन मेरो मन पियो को, दोउ भए एक रंग।। खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वा की धार। जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार।। खीर पकायी जतन से, चरखा दिया जला। आया कुत्ता खा गया, तू बैठी ढोल बजा।। गोरी सोवे सेज पर, मुख पर … Read more

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