दिन गुज़रता नहीं आता – मीना कुमारी

दिन गुज़रता नहीं आता रात काटे से भी नहीं कटती रात और दिन के इस तसलसुल में उम्र बांटे से भी नही बंटती अकेलेपन के अन्धेरें में दूर दूर तलक यह एक ख़ौफ़ जी पे धुँआ बनके छाया है फिसल के आँख से यह छन पिघल न जाए कहीं पलक पलक ने जिसे राह से … Read more

आग़ाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता – मीना कुमारी

आग़ाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता जब ज़ुल्फ़ की कालक में घुल जाए कोई राही बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं होता हँस हँस के जवाँ दिल के हम क्यूँ न चुनें टुकड़े हर शख़्स की क़िस्मत में इनआ’म नहीं होता दिल तोड़ दिया उस ने ये … Read more

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